जेएनसीटी भोपाल में ‘नेचर क्लब’ द्वारा आयोजित ‘नियंत्रण, प्रभाव और चिंता’ पर विशेष सत्र
नेचर क्लब द्वारा 3 मई 2025 को आयोजित “नियंत्रण, प्रभाव और चिंता” विषयक सत्र में छात्रों ने पर्यावरणीय मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया।
इस सत्र में छात्रों ने जाना:
पर्यावरणीय मुद्दों को कैसे समझें और पहचानें
छात्रों को यह सिखाया गया कि जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, वनों की कटाई, और जल संकट जैसे प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दों की पहचान कैसे करें और उन्हें समझें।
किन समस्याओं पर हम सीधा नियंत्रण रख सकते हैं
जैसे- प्लास्टिक का उपयोग कम करना, बिजली-पानी की बचत करना, पौधारोपण करना — ये ऐसे कार्य हैं जिन पर छात्र व्यक्तिगत रूप से नियंत्रण रख सकते हैं।
कौन-से क्षेत्रों में हम प्रभाव डाल सकते हैं
पर्यावरणीय जागरूकता फैलाना, समाज में बदलाव की पहल करना, और दूसरों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना—यह सब छात्र अपने प्रभाव से कर सकते हैं।
हमें किन मुद्दों की सबसे अधिक चिंता होनी चाहिए
ग्लोबल वार्मिंग, प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन, जैव विविधता में गिरावट जैसे मुद्दे ऐसे हैं जिन पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है।
कैसे छोटे कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं
रोजमर्रा की आदतों में छोटे-छोटे बदलाव—जैसे पुन: उपयोग (reuse), कचरा पृथक्करण, स्थानीय उत्पादों का उपयोग—से भी दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव संभव हैं
इस सत्र का उद्देश्य छात्रों को उन पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति जागरूक करना था, जिन पर वे नियंत्रण रख सकते हैं, प्रभाव डाल सकते हैं और जिनके प्रति उन्हें चिंता होनी चाहिए।
संयोजक: डॉ. रिशु उपाध्याय
छात्र समन्वयक: कव्यांश गुप्ता |
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